केंद्रीय मंत्री चौहान ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा, "कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान उसकी आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना मेरा धर्म है।" उन्होंने सावन के पवित्र माह में बिहार की पावन भूमि को प्रणाम करते हुए भगवान बुद्ध और मां गंगा के आशीर्वाद का उल्लेख किया।
₹3.77 लाख करोड़ अब तक सीधे किसानों को
श्री चौहान ने बताया कि पीएम-किसान योजना के अंतर्गत अब तक देशभर के किसानों के खातों में ₹3,77,000 करोड़ से अधिक की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जा चुकी है। 20वीं किश्त में ₹20,000 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण हुआ, जिससे लाखों किसान परिवारों को राहत मिली।
"पहले एक रुपये भेजने पर गरीब किसान के पास कुछ पैसे ही पहुंचते थे। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में एक-एक रुपये का हिसाब है—जो भेजा जाता है, वो सीधा किसान के खाते में पहुंचता है," उन्होंने कहा।
बिहार बना मखाना उत्पादन का हब
अपने संबोधन में चौहान ने बिहार को "मखाना उत्पादन का अग्रदूत" बताया और राज्य की कृषि क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता मेहनतकश है, और यहां की ज्ञान-परंपरा और श्रम शक्ति अतुलनीय है।
"बिहार महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की साक्षी रही है—यह भूमि आज भी देश को प्रेरणा देती है," उन्होंने भावुक अंदाज में कहा।
कृषि उत्पादकता और किसानों की भलाई पर फोकस
मंत्री ने किसानों को समय पर खाद, कीटनाशक और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज उत्पादन लागत पर 50% लाभ जोड़कर MSP तय किया जाता है, जिससे किसानों को न्याय मिल रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना और अन्य पहलुओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में भी उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
कार्यक्रम का समापन: किसानों के साथ सरकार की प्रतिबद्धता
कार्यक्रम के समापन पर शिवराज सिंह चौहान ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों का कल्याण ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, "हमारा हर कदम किसान के हित में है। जब किसान मजबूत होगा, तभी देश सशक्त बनेगा।"