सभी ट्रेन में सफर करते हैं। ट्रेन की पटरियों पर भी सभी का ध्यान जाता है। लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा कि लोहे से बनी होने के बावजूद ट्रेन की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगता। जबकि हमारे घर के संभाल कर रखे नए लोहे में कुछ ही समय बाद जंग लगने लग जाता है। यदि यह खुले में रहे तब तो इसमें जल्दी जंग लगता है। पानी और हवा लोहे के दुश्मन है। इन दोनों के बीच ट्रेन की पटरी रहती है। यहां आपको बता दें कि लोहे से बनी चीजों पर जंग तब लगता है जब लोहा हवा में मौजूद ऑक्सीजन से रिएक्शन कर सके। हवा से रिएक्शन होने पर लोहे पर एक भूरे रंग की परत जम जाती है। यह आयरन ऑक्साइड की परत होती है। लोहे में जंग हमेशा परत के रूप में बढ़ता है, लेकिन पटरियों के साथ ऐसा नहीं होता। क्योंकि ट्रेन की पटरियों को खास तरह के स्टील से तैयार किया जाता है। इसे मैग्नीज स्टील कहते हैं। इसमें 12 प्रतिशत मैग्नीज होता है जबकि 0.8 प्रतिशत कार्बन होता है। पटरी के ऊपरी हिस्से में इस मैटेरियल के होने की वजह से आयरन आक्साइड की परत नहीं बनती और जंग नहीं लगता।