सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रोहतक-महम-हांसी सेक्शन पर 11 वर्षों के बाद ही सही, रेल सेवा शुरू होने पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने काफी भाग दौड़ करके इसको यूपीए सरकार में मंजूर कराया था। 28 जुलाई, 2013 को तत्कालीन रेल मंत्री व मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हांसी में रेल-रोड रैली करके इसका शिलान्यास कर काम शुरू कराया था। उन्होंने कहा कि रोहतक में आज के फंक्शन में शामिल होना चाहता था लेकिन अधिकारियों ने कहा कि मैं अपने विचार नहीं रख सकता, तो क्या मैं भाजपा नेताओं के भाषण पर सिर्फ ताली बजाने जाता। उन्होंने बताया कि इस रेल लाइन को उन्होंने न सिर्फ मंजूर कराया, बजट मंजूर कराया बल्कि इसका शिलान्यास कराकर काम भी शुरू कराया। लेकिन, आज उसके उद्घाटन समारोह पर उन्हें ही बोलने से मना कर दिया गया तो ऐसा लगा कि सरकार उन्हें सिर्फ अपमानित करने के लिए बुला रही है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने रोहतक-महम-हांसी परियोजना के बारे में कहा कि यूपीए सरकार से इस परियोजना को 09-नवम्बर-2011 को योजना आयोग से मंजूर कराया। 15-नवम्बर-2011 को काँग्रेस की हुड्डा सरकार ने भूमि की पूरी लागत वहन करने की स्वीकृति दी। वर्ष 2012-13 के रेल बजट में केन्द्र सरकार से फाइनल मंजूरी के साथ 385 करोड़ रुपया आवंटित कराकर 28-जुलाई- 2013 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हांसी में रेल-रोड रैली करके रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना का शिलान्यास किया और प्रारम्भिक काम शुरु करा दिया था। इस संबंध में कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने 07-अक्टूबर-2013 एवं 20-दिसंबर-2013 को भूमि अधिग्रहण की धारा 4 तथा 26-जून-2014 को भूमि अधिग्रहण की धारा 6 के अन्तर्गत कार्रवाई शुरु कर दी थी। लेकिन, दिसंबर 2015 में मुख्यमंत्री जी ने इस परियोजना की फाइल गुम होने की बात कही। जिसके बाद मैंने डाक के माध्यम से परियोजना की पूरी फाइल तुरन्त मुख्यमंत्री जी को मुहैया कराई। 4 साल तक बिना बात के लंबित पड़ी इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाले जाने के विरोध में उन्होंने हांसी में और महम में धरना भी दिया था।
केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के परियोजना निगरानी प्रभाग द्वारा रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन परियोजना के काम की ऑनलाइन कंप्यूटराइज्ड निगरानी प्रणाली (OCMS) की समीक्षा रिपोर्ट से पता चला कि अनावश्यक देरी के चलते ही परियोजना की लागत में भारी उछाल आया। बेवजह देरी के चलते परियोजना की लागत 211.31% बढ़कर ₹893.45 करोड़ हो गई। इसका कारण प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा तकनीकी कमियाँ रहीं।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हांसी से दिल्ली सीधी रेलवे लाइन शुरू होने के बाद यात्रियों को करीब 90 किलोमीटर तक का सफर कम करना पड़ेगा। साथ ही इससे करीब डेढ़ घंटे की भी बचत भी होगी। इस रेल परियोजना से न सिर्फ प्रदेश में कनेक्टिविटी को नई दिशा मिलेगी अपितु रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और लोगों का सफर आसान हो जाएगा।