नया वेरिएंट JN.1 सितंबर से ही अमेरिका में मरीजों की संख्या को बढ़ा रहा है, यह अब भारत में आ गया है। नियमित जांच के दौरान केरल में यह वेरिएंट मिला है। गोवा के नमूनों में JN.1 वेरिएंट के लगभग 15 मामले मिले हैं। BA.2.86 वेरिएंट JN.1 का वंशज है। भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके प्रसार को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने की बात कही है। डॉ. रमेश वर्मा का मानना है कि वेरिएंट के प्रसार को ध्यान में रखते हुए यह अधिक संक्रामक हो सकता है। अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि JN.1 वेरिएंट चिंता का कारण है या नहीं। क्योंकि 17 दिसंबर को देश में लगभग 252 नए केस दर्ज किए गए हैं। यह एक सप्ताह पहले 125 और उससे एक सप्ताह पहले 59 था, यह नए वेरिएंट की बड़ी छलांग है।
कोविड के नए वेरिएंट JN.1 ने विश्व की चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस BA.2.86 का एक सब वेरिएंट है और शुरुआत में केरल, भारत में पाया गया था, इससे सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया गया। केरल के मामले का निदान जीनोम अनुक्रमण के माध्यम से किया गया था, इसमें अस्पताल में मरीज के भर्ती होने की कोई सूचना नहीं थी। कोविड 19 महामारी अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और वायरस चिंता के नए रूपों के रूप में फैल रहा है। इसका नया रूप JN.1 वेरिएंट है। यह ओमीक्रॉन एक्स बीबी सब वेरिएंट से निकला है। वर्तमान JN.1 वेरिएंट में बहती नाक, गले में खराश और सूखी खांसी जैसे मामूली लक्षण हैं। इसके संभावित खतरे को कम नहीं आंकना चाहिए। हमें इसकी में जानना व जागरूक होना जरूरी है।
प्रमुख संकेत और लक्षण
बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान।
नोट : ये लक्षण फ्लू जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से अलग नहीं हैं। यदि रोगी में ये लक्षण हैं और वे हल्के हैं तो केवल लक्षणात्मक देखभाल ही पर्याप्त है। रेड अलर्ट में सांस फूलना है। बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में यह गंभीर बीमारी होती है। इसके लक्षण अन्य वायरल संक्रमणों के साथ ओवरलैप होते हैं, इसमें बुखार, खांसी, बहती नाक, सांस की तकलीफ, थकान, शरीर में दर्द, गले में खराश के अलावा हल्के गेस्ट्रोएंटेस्टाइनल लक्षण के साथ स्वाद और गंध का महसूस न होना शामिल हैं।
बचाव के उपाय
टीकाकरण, मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता और सामाजिक दूरी