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Saturday, April 26, 2025

Charu Aghi / Lucknow /April 13, 2025

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज भोपाल में मध्य प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए एक राज्य-स्तरीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर मध्य प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ (MPCDF) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर होंगे। इस एमओयू का लक्ष्य मध्य प्रदेश में दैनिक दूध संग्रहण क्षमता को वर्तमान 10.5 लाख लीटर से बढ़ाकर 20 लाख लीटर तक ले जाना है।

राष्ट्रीय / भोपाल में आज सहकारिता सम्मेलन: अमित शाह का संबोधन, दुग्ध संघ और NDDB में अहम समझौता, 20 लाख लीटर होगा रोज़ाना दूध उत्पादन

सहकारिता क्षेत्र को मिलेगा नया बल:
यह सम्मेलन मध्य प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के पुनर्जनन और सशक्तिकरण पर केंद्रित होगा। अमित शाह अपने संबोधन में सहकारिता मॉडल के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालेंगे। सम्मेलन में सहकारी समितियों, दुग्ध उत्पादकों और हितधारकों की भागीदारी होगी।

एमओयू के प्रमुख बिंदु:
MPCDF और NDDB के बीच होने वाला यह समझौता डेयरी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत:
दैनिक दूध संग्रहण: वर्तमान में 10.5 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहित होता है, जिसे बढ़ाकर 20 लाख लीटर किया जाएगा।
सहकारी समितियों का विस्तार: दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 की जाएगी, जिससे लगभग 18,000 गांव जुड़ेंगे।
डेयरी संयंत्रों की क्षमता: दूध प्रसंस्करण संयंत्रों की क्षमता 18 लाख लीटर से बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन होगी।
निवेश और आय वृद्धि: अगले पांच वर्षों में करीब 1,500 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे दूध उत्पादकों की वार्षिक आय 1,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
सांची ब्रांड की निरंतरता: सांची ब्रांड में कोई बदलाव नहीं होगा, और NDDB बिना शुल्क के संचालन प्रबंधन की जिम्मेदारी लेगा।
किसानों का हित: पारदर्शी मूल्य निर्धारण और दूध उत्पादकों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

NDDB की भूमिका:
NDDB का उद्देश्य मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र को तकनीकी और प्रबंधकीय सहायता प्रदान करना है। यह सहयोग उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दूध की गुणवत्ता और विपणन को बेहतर बनाएगा, जिससे डेयरी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

सहकारिता मॉडल पर जोर:
सम्मेलन में सहकारिता मॉडल को आर्थिक प्रगति का आधार बताया जाएगा। मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों के जरिए डेयरी के अलावा मत्स्य पालन, बीज उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में विस्तार की योजनाओं पर चर्चा होगी। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों और समितियों को पुनर्जनन के लिए कई कदम उठाए हैं, और इस सम्मेलन में इन प्रयासों को और गति मिलने की उम्मीद है।

भोपाल में तैयारियां जोरों पर:
सम्मेलन के लिए भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में व्यापक तैयारियां की गई हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग सहित कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी इस आयोजन में शामिल होंगे। हजारों की संख्या में दुग्ध उत्पादक और सहकारी समितियों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

डेयरी क्षेत्र में मध्य प्रदेश की स्थिति:
मध्य प्रदेश देश के प्रमुख दूध उत्पादक राज्यों में शामिल है। सांची ब्रांड ने राज्य के डेयरी उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। इस समझौते से उत्पादन क्षमता दोगुनी होगी, साथ ही डेयरी क्षेत्र में रोजगार सृजन और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष:
यह सहकारिता सम्मेलन और एमओयू मध्य प्रदेश के डेयरी क्षेत्र और सहकारी ढांचे के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। अमित शाह का दौरा और उनकी घोषणाएं किसानों और पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसर लेकर आएंगी। इस आयोजन से मध्य प्रदेश में सहकारिता आधारित विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।

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