इस वर्ष की थीम "स्मार्ट ऊर्जा, सुरक्षित राष्ट्र" रही, जिसने उभरती तकनीकों — जैसे बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS), इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रूफटॉप सोलर — में सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम में बताया गया कि जैसे-जैसे विद्युत प्रणाली अधिक विद्युतीकृत और विकेंद्रीकृत हो रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़े जोखिम भी कई गुना बढ़ रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा अब एक साझा ज़िम्मेदारी बन चुकी है।
कार्यक्रम में सचिव, विद्युत मंत्रालय श्री पंकज अग्रवाल, सीईए अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद, और बीएसईएस के समूह सीईओ श्री अमल सिन्हा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
राज्य मंत्री श्री नाइक ने अपने भाषण में कहा,
“जैसे-जैसे भारत एक स्वच्छ, स्मार्ट और डिजिटल ऊर्जा ईकोसिस्टम की ओर अग्रसर हो रहा है, सुरक्षा को प्राथमिकता देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार EV चार्जिंग, रूफटॉप सोलर, बैटरी भंडारण और डिजिटल डिटेक्शन जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन इसमें आम नागरिकों और तकनीशियनों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।”
सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने कहा,
“सुरक्षा केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक मूल्य होनी चाहिए। जवाबदेही और सावधानी, आधुनिक ऊर्जा तंत्र का मूलमंत्र हैं।”
सीईए अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद ने कहा,
“बिजली की दुनिया में सुरक्षा अब केवल नियम नहीं, बल्कि मानसिकता बन जानी चाहिए। प्रत्येक कनेक्शन और नवाचार में सुरक्षा का समावेश जरूरी है।”
कार्यक्रम में देशभर से आए 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें यूटिलिटी, रेगुलेटरी बॉडीज़, मुख्य विद्युत निरीक्षक, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, OEMs, तकनीशियन और प्रोज्यूमर शामिल रहे। इसके अलावा यूट्यूब लाइव वेबकास्ट के माध्यम से भी हजारों लोगों ने इस कार्यक्रम को देखा, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर 22 घंटे में 25,000 से अधिक बार व्यूअरशिप दर्ज की गई।
"सुरक्षा शक्ति" शुभंकर को विद्युत सुरक्षा संदेशों को रोचक और प्रभावी ढंग से फैलाने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में लॉन्च की गई विद्युत सुरक्षा हैंडबुक ऊर्जा क्षेत्र के विभिन्न घटकों—BESS, सोलर, EV चार्जिंग—के सुरक्षित उपयोग एवं रखरखाव के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है। यह उपभोक्ताओं, टेक्नीशियनों और उपयोगिताओं के लिए "क्या करें और क्या न करें" का एक व्यावहारिक मार्गदर्शक है।
तकनीकी सत्र में CEA, NPTI, BSES और अन्य विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण प्रेजेंटेशन और संवाद सत्र आयोजित किए गए। वहीं कठपुतली शो द्वारा सुरक्षा के संदेश को आम लोगों तक सरल भाषा में पहुंचाया गया, जिससे कार्यक्रम का लोकजुड़ाव और भी सशक्त हुआ।
कार्यक्रम के बाद एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें "सुरक्षा प्रतिज्ञा", स्कूलों और आरडब्ल्यूए में जागरूकता अभियान तथा "सुरक्षा शक्ति" शुभंकर के माध्यम से संचार को और व्यापक बनाया जाएगा।
विद्युत सुरक्षा दिवस 2025 न केवल एक आयोजन, बल्कि यह ऊर्जा क्षेत्र में 'स्मार्ट और सुरक्षित भारत' के निर्माण हेतु सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता और सहयोग का एक प्रतीक बनकर उभरा।