‘लखपति दीदी’ से लेकर ‘फ्यूचर स्किल्ड दीदी’ तक की यात्रा की नींव
यह साझेदारी विशेष रूप से दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण भारत की महिलाओं को कौशल विकास, डिजिटल शिक्षा, उद्यमिता और बाज़ार से जोड़ने के उद्देश्य से की गई है।
इस पहल का लक्ष्य है देश की 10 करोड़ "दीदियों" को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें विकसित भारत @2047 के सपनों का कर्णधार बनाना।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा,
“जब हमारे गाँवों की महिलाएं हुनरमंद बनती हैं, तो भारत की आत्मनिर्भरता की नींव मजबूत होती है। यह समझौता ग्रामीण भारत के आर्थिक परिवर्तन की दिशा में निर्णायक कदम है।”
क्या है इस साझेदारी का मूल उद्देश्य?
स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को स्थानीय ज़रूरतों और वैश्विक अवसरों के हिसाब से प्रशिक्षित करना
डिजिटल स्किल्स, वित्तीय साक्षरता, बाज़ार से जुड़ाव, और कानूनी ज्ञान जैसी क्षमताओं का विकास
स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) के माध्यम से प्रशिक्षकों और महिलाओं को प्रमाणित करना
ITI, RSETI, JSS और NIESBUD जैसे संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण को गाँव-गाँव पहुँचाना
लखपति दीदी अभियान को नए स्तर पर ले जाना — जहाँ महिलाएं केवल नौकरी नहीं करेंगी, बल्कि रोजगार सृजनकर्ता बनेंगी
श्री जयंत चौधरी ने जोर देते हुए कहा,
“यह सिर्फ प्रशिक्षण का समझौता नहीं है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को नेतृत्व में लाने की शुरुआत है। जब गाँव की दीदी हुनरमंद बनती है, तो उसका पूरा परिवार और गाँव आत्मनिर्भर बनता है।”
3 वर्षों की अवधि वाला यह समझौता कैसे करेगा काम?
हर तिमाही समीक्षा हेतु गठित होगी संयुक्त निगरानी समिति
जिला कौशल समितियों (DSC) और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (SRLMs) के बीच तालमेल को मज़बूत किया जाएगा
प्रशिक्षण मॉड्यूल होंगे स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार
ग्रामीण महिलाओं को आजीविका आधारित प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवहारिक उद्यमिता ज्ञान भी मिलेगा
सिर्फ सहयोग नहीं, एक मिशन की शुरुआत
इस MoU के ज़रिए केंद्र सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि वह केवल योजनाएँ नहीं बना रही, बल्कि उन्हें ज़मीनी स्तर पर नतीजों में बदलने के लिए गंभीर प्रयासरत है।
आज, देश में 1.48 लाख से अधिक लखपति दीदियाँ हैं — और यह साझेदारी इस संख्या को लाखों में बदलने का वादा करती है।
इस मौके पर दोनों मंत्रालयों के सचिव, संयुक्त सचिवों और कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय और विभाग की नई वेबसाइटों का शुभारंभ भी किया गया।