मैनेजमेंट सुधारें, नहीं तो कार्रवाई तय:
मंत्री चौधरी ने कहा कि समस्या पानी की नहीं, बल्कि उसके प्रबंधन की है। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि जल आपूर्ति में लापरवाही या अनियमितता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "प्रति व्यक्ति जल आपूर्ति की एक निश्चित सीमा होती है, अगर कोई तय मात्रा से अधिक पानी लेगा, तो अन्य की हकदारी पर असर पड़ेगा।"
फील्ड अफसरों को चेतावनी – लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
मंत्री ने बैठक के दौरान जल के सैंपलों की गुणवत्ता की जांच कराने और कार्यों की फील्ड विजिट अनिवार्य करने के निर्देश दिए। श्रीगंगानगर में रूडीप (RUIDP) द्वारा किए जा रहे कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित एईएन को नोटिस जारी करते हुए एपीओ (Awaiting Posting Orders) करने के निर्देश दिए गए।
अवैध कनेक्शन पर सख्ती, एफआईआर के आदेश
अवैध जल कनेक्शन पर सख्ती दिखाते हुए मंत्री ने साफ कहा कि अब ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी मामलों में बिना देरी के सख्त कार्रवाई की जाए और अधिकाधिक एफआईआर दर्ज की जाएं।
स्थानीय स्तर पर स्वीकृति की मांग
विधायकों ने सुझाव दिया कि नई कॉलोनियों और जल कनेक्शन के प्रस्तावों को जयपुर मुख्यालय भेजने की बजाय जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए। इस पर मंत्री ने शीघ्र निर्णय का भरोसा दिलाया।
बैठक में रही जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में हनुमानगढ़ विधायक श्री गणेश राज बंसल, श्रीगंगानगर विधायक श्री जयदीप बिहानी सहित कई जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
साफ संदेश – जल संसाधन का जिम्मेदारी से उपयोग करें, नहीं तो परिणाम भुगतने होंगे।