13 सूत्रीय मांगों का खुलासा
ASAP ने शिक्षा, फीस, हॉस्टल, मूल्यांकन, छात्रवृत्ति, खेल, भोजन और पारदर्शिता जैसे 13 मुद्दों पर ध्यान दिलाया। छात्रों ने
डीन (एकेडमिक) हरीश आर्य को विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल थीं:
1. इंटीग्रेटेड कोर्स में राहत
दीपक धनखड़ ने मांग की कि इंटीग्रेटेड कोर्स के छात्रों को सातवें सेमेस्टर में प्रमोट किया जाए, भले ही पिछले सेमेस्टर में री/बैक हो। उन्होंने इसे नई शिक्षा नीति और छात्र हितों के खिलाफ बताया। विश्वविद्यालय ने यह मांग स्वीकार कर ली, जिससे अब छात्र बिना विलंब शुल्क के सातवें सेमेस्टर में दाखिला ले सकेंगे।
2. एलुमनी फीस का बोझ अनुचित
₹500 की अनिवार्य एलुमनी फीस को दीपक धनखड़ ने छात्रों पर आर्थिक बोझ बताया। अनुमान है कि इससे विश्वविद्यालय हर साल 2-2.5 लाख छात्रों से करीब 10 करोड़ रुपये वसूलता है, जो स्वैच्छिक संस्था की भावना के खिलाफ है। ASAP ने इस फीस को खत्म करने की मांग की।
3. अनावश्यक शुल्क और फीस वृद्धि
पिछले पांच साल में फीस दोगुनी हो चुकी है। साइकिल स्टैंड, ई-रिक्शा, फिल्म क्लब, स्टूडेंट यूनियन फंड जैसे शुल्कों का कोई औचित्य नहीं, क्योंकि सुविधाएं नदारद हैं। ASAP ने इन शुल्कों को समाप्त करने की मांग की।
4. हॉस्टल की बदहाली
हॉस्टल फीस ₹9,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई, लेकिन सुविधाएं जस की तस। पीने के लिए RO सिस्टम, वॉटर कूलर, वॉशरूम और कॉमन रूम की स्थिति दयनीय है। दीपक धनखड़ ने इसे छात्र शोषण बताया और तत्काल सुधार की मांग की।
5. अंतिम सेमेस्टर की बैक परीक्षा
ASAP के
सोशल मीडिया इंचार्ज साहिल चावरिया ने मांग की कि अंतिम सेमेस्टर में री/बैक वाले छात्रों के लिए विशेष परीक्षा शुरू हो, जैसा कि कोविड से पहले होता था। इससे छात्रों का साल बचाया जा सकता है।
6. परीक्षा फीस दाखिले के समय
दाखिले के समय ही पूरे साल की परीक्षा फीस लेने की मांग की गई, ताकि दोबारा पोर्टल भरने और ₹10,000 तक के दंड से बचा जा सके।
7. री-एपीयर और रिवॉल्यूशन में समन्वय
रिवॉल्यूशन का परिणाम आने से पहले री-एपीयर फॉर्म भरवाने से छात्रों को दोहरी फीस देनी पड़ती है। ASAP ने मांग की कि रिवॉल्यूशन परिणाम के बाद ही फॉर्म की तारीख तय हो।
8. गलत मूल्यांकन पर कार्रवाई
रिवॉल्यूशन या RTI में पास होने वाले छात्रों को फीस रिफंड और दोषी मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग। यदि किसी विषय में 60% से अधिक छात्र फेल हों, तो स्वतः पुनर्मूल्यांकन हो।
9. सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स में पारदर्शिता
साहिल चावरिया ने बताया कि फॉर्म भरने के बाद कोर्स शुरू नहीं होते और फीस भी वापस नहीं की जाती। ASAP ने स्पष्ट प्रक्रिया और फीस रिफंड की मांग की।
10. खिलाड़ियों को सम्मान और पुरस्कार
2018 से राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को कैश अवार्ड नहीं मिला। ASAP ने बकाया राशि और सम्मान देने की मांग की।
11. शोधार्थियों की छात्रवृत्ति
₹14,000 से ₹18,000 की घोषित छात्रवृत्ति लागू नहीं हुई। ASAP ने इसे पूर्व प्रभाव से लागू करने और बकाया देने की मांग की।
12. हेल्पलाइन और सूचना व्यवस्था
हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करते, जानकारी अधूरी मिलती है। ASAP ने प्रत्येक विभाग के लिए सोशल मीडिया अकाउंट और केंद्रीकृत सूचना ऐप की मांग की।
13. सस्ती कैंटीन थाली
पहले सस्ती और पौष्टिक थाली उपलब्ध थी, जो अब बंद है। ASAP ने इसे फिर से शुरू करने की मांग की।
दीपक धनखड़ की चेतावनी
“यह आंदोलन केवल ज्ञापन तक सीमित नहीं है। यदि विश्वविद्यालय समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो ASAP और छात्र समुदाय बड़े स्तर पर धरना देगा। हम सुलभ, पारदर्शी और संवेदनशील शिक्षा चाहते हैं, न कि खर्चीली और मनमानी व्यवस्था।”
एक मांग स्वीकार हुई है, बाकी पर नजर है। यदि प्रशासन लापरवाह रहा, तो ASAP और छात्र समुदाय शांत नहीं बैठेगा।