श्री दिलावर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए अब तक लगभग 70 लाख विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। इनमें से जो बच्चे अस्वस्थ पाए गए, उनके उपचार की व्यवस्था राज्य सरकार स्वयं के खर्च पर करवा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त राजस्थान की दिशा में एक व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी दो वर्षों में राजस्थान को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य बना दिया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि अब प्रत्येक ग्राम पंचायत को गांवों की साफ-सफाई के लिए टेंडर जारी करने का अधिकार मिलेगा। इसके अंतर्गत पंचायतें नियमित सफाई कार्य और कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी संभालेंगी। इसके साथ ही सरकार जल्द ही आदेश जारी कर हर पंचायत को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करेगी कि आबादी क्षेत्रों में प्रतिदिन सफाई हो।
दिलावर ने यह भी बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से समन्वय कर सफाई व्यवस्था को मनरेगा से जोड़ने का एक नवाचार प्रस्तावित कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को और अधिक मजबूती मिलेगी।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात करते हुए मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। साथ ही, स्कूलों में अध्ययन के समय मोबाइल के प्रयोग पर रोक तथा शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से दूर रखने के आदेशों के चलते अब शिक्षण गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार देखा गया है। इन फैसलों के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं।
यह मुलाकात शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।