महवा उपखंड में सबसे ज़्यादा 22 रास्तों को अतिक्रमण मुक्त करवा कर चालू किया गया है। यह पहल अब तक ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सबसे प्रभावी साबित हो रही है।
कलक्टर देवेंद्र कुमार ने संभाला मोर्चा
जिला कलक्टर श्री देवेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार अप्रैल माह से यह अभियान ज़ोर-शोर से चलाया जा रहा है। प्रशासनिक टीमों ने राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और पुलिस के सहयोग से कई विवादित और वर्षों से बंद रास्तों को दोबारा चालू करवाया।
कई जगहों पर आपसी सहमति से रास्ते खोले गए, तो कहीं ज़रूरत पड़ी तो पुलिस की मौजूदगी में अतिक्रमण हटवाया गया।
186 में से 125 रास्ते मुक्त, अब बनेंगे ग्रेवल रोड
अभियान से पहले जिले में अतिक्रमण के 186 मामले दर्ज थे। इनमें से 125 रास्तों को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर चालू कर दिया गया है। अब इन रास्तों को और बेहतर बनाने के लिए ग्रेवल रोड में तब्दील किया जा रहा है। जिला कलक्टर ने इस संबंध में संबंधित विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
डाबर कलां गांव की 25 साल पुरानी राह अब खुली
रामगढ़ पचवारा पंचायत समिति के निजामपुर ग्राम पंचायत में स्थित डाबर कलां गांव के लोगों की 25 साल पुरानी मांग पूरी हुई। यह रास्ता सलेमपुरा-राणौली मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ता है, जो अतिक्रमण के कारण लंबे समय से बंद था।
स्थानीय प्रशासन और राजस्व टीम ने किसानों से संवाद कर समझाइश की, और आखिरकार 26 जून को सवा किलोमीटर लंबा यह रास्ता खोला गया। इससे अब न सिर्फ बच्चों को स्कूल जाने में सुविधा होगी, बल्कि खेती-किसानी से जुड़ा कार्य भी सुगमता से होगा।
लवाण और मीनावाड़ा में भी दशकों पुरानी राहें खुलीं
लवाण तहसील के पूर्णीयावास गांव में 18 जून को बीस साल से बंद रास्ते को जेसीबी चलाकर खोला गया। यह रास्ता माधोलाई तलाई से खैराला की कोठी तक जाता है और इससे सौ से अधिक ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
इसी तरह, बहरावंडा तहसील के मीनावाड़ा गांव में 25 साल से बंद डेढ़ किलोमीटर लंबा रास्ता खोला गया। यह रास्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग का अधिग्रहित था, लेकिन अतिक्रमण के चलते बंद पड़ा था। रास्ता खुलने से गांव के स्कूल के बच्चे और शिक्षक भी अब आसानी से आ-जा सकेंगे।
जनसहयोग से बदली तस्वीर, ग्रामीणों ने जताया आभार
अभियान में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आमजन का भरपूर सहयोग रहा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए इसे एक पुनीत कार्य करार दिया है।
इस अभियान ने यह साबित कर दिया है कि यदि प्रशासन और आमजन एकजुट होकर प्रयास करें तो वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान संभव है।