जिला स्तरीय मुख्य समारोह पंचायत समिति चित्तौड़गढ़ के आवलहेड़ा वन क्षेत्र में आयोजित हुआ। समारोह में जिले के प्रभारी सचिव व उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आलोक गुप्ता, जिला प्रमुख श्री गब्बर सिंह, जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन, पुलिस अधीक्षक श्री मनीष त्रिपाठी, उप वन संरक्षक श्री राहुल झाझड़िया, जनप्रतिनिधि, स्कूली छात्र-छात्राएं एवं आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत, वन देवी से मांगी गई सफलता की कामना
कार्यक्रम की शुरुआत वन देवी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई, जहां महोत्सव की सफलता और पर्यावरणीय संतुलन की कामना की गई। साथ ही पूरे जिले में जियो टैगिंग तकनीक से पौधों की स्थिति की निगरानी के लिए एक नई पहल की गई।
पर्यावरण चेतना को नई दिशा
प्रभारी सचिव श्री आलोक गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा,
"जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए पौधारोपण अत्यंत आवश्यक है। राजस्थान में इस वर्ष ढाई करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। केवल पौधा लगाना ही नहीं, उसकी कम से कम 5 साल तक देखभाल भी जरूरी है।"
उन्होंने चित्तौड़गढ़ की हरित छवि की सराहना करते हुए आगे हरियाली बढ़ाने का आह्वान किया।
जिला प्रमुख श्री गब्बर सिंह ने "एक पेड़ मां के नाम" अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह संवेदनशील और जागरूक समाज का निर्माण करता है। उन्होंने राजसमंद के पिपलांत्री मॉडल का उदाहरण देकर बताया कि सकारात्मक सोच से कैसे किसी क्षेत्र को हराभरा बनाया जा सकता है।
जिला कलक्टर की प्रतिबद्धता
जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने जानकारी दी कि जिले को इस मानसून में 17 लाख पौधारोपण का वार्षिक लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से 6 लाख पौधे रविवार को लगाए गए। उन्होंने कहा,
"पौधे न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि पर्यावरण संतुलन के आधार भी हैं।"
अभियान की रूपरेखा
उप वन संरक्षक श्री राहुल झाझड़िया ने बताया कि मुख्य समारोह स्थल पर 500 से अधिक पौधे रोपे गए। पूरे जिले में पौधारोपण को जिओ टैगिंग तकनीक से जोड़ा गया है ताकि भविष्य में इनकी देखरेख और निगरानी की जा सके।
वृक्ष मित्रों को सम्मान
कार्यक्रम में जिले के 47 वृक्ष मित्रों को सम्मानित किया गया। इनमें से 5 वृक्ष मित्रों को विशेष योगदान के लिए नकद पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
जिम्मेदारी का भाव
समारोह के दौरान प्रभारी सचिव ने बरगद और अशोक के पौधे लगाए, वहीं जिला कलक्टर ने भी अशोक का पौधा लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
पुलिस अधीक्षक श्री मनीष त्रिपाठी ने पौधारोपण कर कहा—
"पेड़ जीवन का आधार हैं। केवल लगाना नहीं, संरक्षण ही असली सेवा है।"
चित्तौड़गढ़ जिले में वन महोत्सव केवल एक समारोह नहीं, बल्कि पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बन चुका है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली की सौगात लेकर आएगा।