भ्रष्टाचार के खिलाफ बुलंद आवाज़, अब निशाने पर
सुभाष सिंह बल्हारा लगातार CPGRAM पोर्टल, हरियाणा सीएम विंडो और अन्य सरकारी मंचों पर विभिन्न विभागों की गड़बड़ियों को उजागर करते रहे हैं। उन्होंने कई बार ठोस सबूतों के साथ अधिकारियों और योजनाओं में वित्तीय धांधलियों की जानकारी दी है।
लेकिन अब प्रशासन की तरफ से जारी एक पत्र ने उन्हें "झूठा शिकायतकर्ता" बताते हुए उनकी सभी शिकायतों को खारिज कर दिया है। पत्र में स्पष्ट लिखा है कि बल्हारा की CPGRAM ID पहले ही ब्लॉक की जा चुकी है और वे "कार्यालय के स्टाफ को ब्लैकमेल करते हैं।" बल्हारा का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद है।
इतना ही नहीं, बल्हारा को अज्ञात नंबरों से धमकी भरे कॉल भी मिले हैं, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई थी।
बल्हारा के प्रमुख आरोप जो प्रशासन की कार्यशैली पर उठाते हैं सवाल:
बल्हारा ने ग्राम पंचायत में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
* मनरेगा योजना में धांधली: 22.54 लाख रुपये का काम केवल कागज़ों पर दिखाया गया, जबकि ज़मीन पर नाममात्र का काम हुआ।
* अमृत सरोवर योजना में लापरवाही: 74 लाख की लागत के बावजूद गंदे पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं है और अमृत सरोवर में लगातार गंदा पानी छोड़ा जा रहा है।
* धन की बर्बादी: पाइपलाइन बिछने से पहले ही गली का निर्माण करवा दिया गया। बल्हारा का दावा है कि इसके खिलाफ आवाज़ उठाने पर उन्हें पंचायत द्वारा निशाना बनाया जाने लगा।
* अवैध कब्जे: गांव के चारों ओर 27 फुट चौड़ी सड़क पर अवैध कब्जे करवाकर उसे मात्र 12 फुट का कर दिया गया है, जबकि कागजों में आज भी वह 27 फुट दर्ज है। इस पर बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
* शिव धाम में कमी और धमकी: गांव के शिव धाम में कमियों को उजागर करने और ठेकेदार के खिलाफ सरपंच को लिखित शिकायत देने पर सरपंच के पति ने शिकायत फाड़ने और जान से मारने की धमकी दी।
* मनरेगा में हेरफेर: आम लोगों की कॉपी खोलकर 500 रुपये का लालच देकर बाकी रकम हड़पी जा रही है।
* साफ-सफाई में घोटाला: हर महीने 70 हज़ार से 1 लाख रुपये गांव की सफाई पर खर्च किए जाने का दावा किया जाता है, परन्तु गांव में सफाई का नामोनिशान नहीं है।
* बिजली बिल में टैक्स की चोरी: हर बिजली बिल में 2.5% पंचायत के लिए टैक्स कटता है, लेकिन गांव में पिछले 5 सालों से रात को कोई स्ट्रीट लाइट नहीं जलती। बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
* पुराणी धरोहर ३०० साल पुराणी धरोहर को पंचायत द्वारा मिड्डी डाल खंडित कर दिया गया है
बल्हारा का दृढ़ता से कहना है कि उन्होंने हर बार तथ्यों के साथ शिकायतें दर्ज करवाई हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की बजाय, प्रशासन ने उन्हें ही दोषी ठहरा दिया है।
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
क्या CPGRAM पोर्टल अब शिकायतकर्ताओं को ब्लॉक करने का ज़रिया बन गया है?
क्या सच्चाई सामने लाने वालों को "ब्लैकमेलर" बताना प्रशासन की नई रणनीति है?
क्या हरियाणा सरकार में अब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाना "अपराध" बन चुका है?
क्या लोकतंत्र में बोलने की आज़ादी खतरे में है?
श्री बल्हारा ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "मैंने कभी कोई अनुचित कार्य नहीं किया। मैंने हर बार केवल सच्चाई को उजागर किया है, चाहे वह मनरेगा हो, अमृत सरोवर हो, गांव में अवैध कब्जे हों या सफाई और बिजली से जुड़े मुद्दे।" उन्होंने प्रशासन पर उन्हें झूठा ठहराकर बदनाम करने का आरोप लगाया और इसे अपनी मानहानि के साथ-साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी सवाल बताया।
बल्हारा ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन 7 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगता और इस पत्र को रद्द नहीं करता, तो वह 10 लाख रुपये का मानहानि का मुकदमा और मानसिक उत्पीड़न के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करेंगे।
शिकायतें इन संस्थाओं को भेजी गईं:
*राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), नई दिल्ली
*हरियाणा मानवाधिकार आयोग, चंडीगढ़
*मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को प्रत्यक्ष पत्र
*उपायुक्त रोहतक एवं खंड विकास कार्यालय