मौके पर ही मंत्री पटेल ने संयुक्त निदेशक डॉ. नरेन्द्र सक्सेना को तलब कर स्थिति की गंभीरता से समीक्षा की और तत्काल कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
“लापरवाही बर्दाश्त नहीं” – मंत्री का स्पष्ट संदेश
मीडिया से बातचीत में श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की जनता को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को पूर्ण संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा से काम करना होगा।
हर वार्ड में पहुंचकर देखी व्यवस्था
मंत्री ने जनरल ओपीडी, लेबर रूम, इंजेक्शन रूम, ड्रेसिंग कक्ष, ECG रूम, पुरुष एवं महिला वार्ड, टीकाकरण कक्ष और दवाओं के स्टॉक रूम का बारीकी से निरीक्षण किया। मरीजों से संवाद कर उन्होंने निशुल्क दवा योजना, जांच सुविधा और अस्पताल की सेवाओं को लेकर फीडबैक भी लिया।
निर्देशों की बौछार – साफ-सफाई से लेकर समय पर उपस्थिति तक
निरीक्षण के दौरान श्री पटेल ने सभी अस्पताल कर्मचारियों को समय पर उपस्थिति दर्ज करने और मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर और सभी वार्डों में स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
उन्होंने चिकित्सकों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाए। साथ ही, पंजीकरण काउंटर, जरूरी दवाएं, जांच उपकरण और शुद्ध पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग के आदेश दिए।
औचक निरीक्षण होंगे और सख्त
मंत्री पटेल ने संयुक्त निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को क्षेत्र के सभी चिकित्सा संस्थानों में नियमित औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान नगर निगम दक्षिण की महापौर सुश्री वनिता सेठ भी मौजूद रहीं।