क्या हैं देरी के कारण ?
लालजी देसाई ने अपने वीडियो में बताया कि रोड की डिजाइन में खामियां, जैसे लाइन का बाईं ओर टकराना, और ठेकेदार की निष्क्रियता इस देरी के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण, सरकारी मंजूरियों में देरी और मानसून का मौसम भी काम को प्रभावित कर रहा है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "सामान्य लोग परेशान हैं, इससे वहां रोजाना आने-जाने वाले लोगों को परेशानी होती है। लेकिन सरकार को इसकी खबर तक नहीं।
क्या है समाधान ?
लालजी देसाई और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकार तत्काल कदम उठाए ;
- तेजी से कार्रवाई: ठेकेदार पर दबाव डालकर काम को गति दी जाए।
- समयबद्ध योजना: प्रोजेक्ट के लिए स्पष्ट समयसीमा बनाई जाए।
- स्थानीय भागीदारी:लोगों को नियमित अपडेट देकर विश्वास बहाल किया जाए।
- मौसम का ध्यान: अगले मानसून से पहले सर्दी और गर्मी में अधिकतम काम पूरा किया जाए।
लालजी देसाई ने बताया कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो अगले मानसून (जून-जुलाई 2026) तक काम में और देरी हो सकती है। हालांकि, अगर सरकार और ठेकेदार अब तेजी से काम शुरू करें, तो सर्दी (नवंबर 2025-फरवरी 2026) तक अधिकांश काम पूरा हो सकता है। स्थानीय लोग अब ग्राम पंचायत और PWD अधिकारियों से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं।
शिवाला सर्कल रोड का यह मुद्दा न केवल स्थानीय लोगों की परेशानी को दर्शाता है, बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को भी उजागर करता है। लालजी देसाई ने अपने वीडियो में कहा, "देश संविधान से चलता है, न कि निष्क्रियता से।" क्या सरकार अब इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी? यह सवाल हर किसी के मन में हैI