मुख्य वक्ता के रूप में पधारे क्रीड़ा अधिकारी डॉ. सर्फराज़ आलम ने ‘ओलंपिक खेलों में करियर के अवसर’ विषय पर प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। उन्होंने मेजर ध्यानचंद के जीवन, उनके अद्वितीय योगदान और ओलंपिक खेलों के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. आलम ने कहा कि,
“आज के दौर में खेल केवल मनोरंजन या शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक सुनहरा करियर विकल्प बन चुके हैं।”
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी.बी. खरे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि,
“खेलों से आत्मअनुशासन, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना का विकास होता है। छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी जीवन का अहम हिस्सा बनाना चाहिए।”
वहीं, डॉ. सुभाष कुमार दांगी ने खेलों के शारीरिक और मानसिक लाभों पर बल देते हुए कहा कि,
“स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन ही किसी भी सफलता की पहली सीढ़ी हैं। हर व्यक्ति को दिन में कम से कम एक घंटा खेलकूद के लिए जरूर निकालना चाहिए।”
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आराधना यादव ने कुशलता से किया, जबकि करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. रानू खरेलिया ने अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में डॉ. मंगलेश सोलंकी, डॉ. रजनी खरे, प्रो. सुश्री सीमा सिंह, खेल विभागाध्यक्ष डॉ. बद्रीलाल वर्मा, प्रो. श्री प्रकाश अहिरवार सहित महाविद्यालय का समस्त शैक्षणिक स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।