प्रतिनिधिमंडल ने श्री देवनानी को शॉल ओढ़ाकर एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया। साथ ही मिशन साहित्य व पद्म भूषण सम्मानित श्री कमलेश डी. पटेल का मुख्यालय कान्हा शांति वनम् आने का औपचारिक आमंत्रण भी सौंपा।
ध्यान, पर्यावरण और नवचेतना की ओर कदम
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि श्री रामचन्द्र मिशन और 1945 में स्थापित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट, ध्यान के माध्यम से मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के साथ-साथ पृथ्वी की जैव विविधता और पर्यावरण की रक्षा के लिए सतत प्रयासरत हैं। इसी क्रम में प्रतिनिधियों ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस विधानसभा परिसर में मनाने के प्रस्ताव पर चर्चा की।
पर्यावरण संरक्षण में कान्हा शांति वनम् की भूमिका
मिशन प्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि 2020 में श्री कमलेश डी. पटेल के नेतृत्व में हैदराबाद के समीप 1400 एकड़ क्षेत्र में 'कान्हा शांति वनम्' की स्थापना की गई। 2014 से यहां की बंजर भूमि को हरित क्षेत्र में परिवर्तित करने हेतु स्वैच्छिक प्रयास किए गए, जो कि तेलंगाना सरकार के 'हरिता हरम' अभियान के अनुरूप रहे। इस परियोजना को कई बार पर्यावरणीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उल्लेखनीय है कि विभिन्न सड़क परियोजनाओं के कारण हटाए गए 1000 से अधिक विकसित वृक्षों को भी यहां स्थानांतरित कर संरक्षण दिया गया है।
अरावली व वडनगर में हो रहा विकासात्मक ध्यान कार्य
प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला की 750 किमी बंजर भूमि और उनके जन्मस्थान वडनगर में पर्यावरणीय कार्यों हेतु मिशन को आमंत्रित किया गया है, जिस पर कार्य प्रगति पर है।
विश्वव्यापी ध्यान अभियान
प्रतिनिधियों ने बताया कि श्री रामचन्द्र मिशन विश्व के 160 देशों में सक्रिय है, जहां 16,000 से अधिक प्रशिक्षकों और हज़ारों स्वयंसेवकों के माध्यम से लगभग एक करोड़ से अधिक लोगों को ध्यान का अभ्यास कराया गया है। ये सभी 'साइलेंट चेंजमेकर' के रूप में 'दाजी' के नेतृत्व में आत्मिक और पर्यावरणीय परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने मिशन के प्रयासों की सराहना की और ध्यान व पर्यावरण संरक्षण को समाज के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।