मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन्यजीव प्रबंधन की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और इसमें आमजन की अधिकतम भागीदारी हो। उन्होंने कहा कि सरकार वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
प्रवासी पक्षियों की वापसी पर जोर
श्री शर्मा ने अधिकारियों से साइबेरियन क्रेन जैसे प्रवासी पक्षियों की पुनः राजस्थान में वापसी हेतु व्यापक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में सक्रिय स्वयंसेवी संस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी।
89 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
बैठक में पूर्व स्वीकृत 65 प्रस्तावों के साथ-साथ 24 नए प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों से राज्य में वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कार्यों को नई गति मिलेगी।
10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आगामी मानसून में 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर गांव और हर शहर में 'वन मित्र' और 'वृक्ष मित्र' बनाए जाएं, ताकि पर्यावरण संरक्षण एक जनांदोलन का रूप ले सके।
लैन्टाना और जूली फ्लोरा उन्मूलन पर निर्देश
बैठक में लैन्टाना उन्मूलन की एसओपी को स्वीकृति दी गई। साथ ही, मुख्यमंत्री ने जूली फ्लोरा जैसे हानिकारक पौधों को जन सहयोग से हटाने और उनकी जगह स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाने के निर्देश दिए।
जन-जागरूकता और विशेषज्ञ सलाह पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र के मुख्य घटक हैं, इसलिए इनके महत्व को लेकर जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने विशेषज्ञों से सुझाव लेकर नीति निर्माण की बात कही।
बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री संजय शर्मा, समिति के सदस्य, विभागीय अधिकारी तथा जैव विविधता और वन्यजीव क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। बैठक में वन्य क्षेत्रों के विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।