27 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाए जा रहे “निक्षय पोषण किट वितरण अभियान” के पहले ही दिन प्रदेश में 3800 से अधिक चिकित्सा कार्मिकों ने 5000 से ज्यादा टीबी मरीजों को पोषण किट वितरित कर मिसाल कायम की।
चिकित्साकर्मी समाज सेवा की नई मिसाल बनकर उभरे
बीकानेर में शनिवार को इस मानवीय अभियान का शुभारंभ चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने किया। उन्होंने कहा,
"यह पहल सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में एक ऐतिहासिक योगदान है। चिकित्सा कर्मियों ने निक्षय मित्र बनकर समाज को नई दिशा दी है।"
गांव-गांव तक पहुँच रहा अभियान
राज्य की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि यह अभियान राज्य के प्रत्येक जिले, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर तक चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य है कि जन सहयोग से टीबी रोगियों को पोषण युक्त आहार और मानसिक समर्थन देकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जाए।
चिकित्सा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें लगातार सहयोग प्रदान कर रहे हैं। यह एक संवेदनशील और समर्पित पहल है, जिससे मरीजों को न केवल आहार बल्कि सामाजिक आत्मबल भी मिल रहा है।
खुद बनीं ‘निक्षय मित्र’ — प्रमुख शासन सचिव
रविवार को अजमेर में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने स्वयं टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान कर निक्षय मित्र की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा,
“यह पहल प्रधानमंत्री जी के टीबी मुक्त भारत अभियान को जनसहभागिता की ताकत से और गति देगी।”
अभियान के पहले दिन के आंकड़े
3822 चिकित्सा अधिकारियों व कार्मिकों ने 5112 टीबी मरीजों को पोषण किट वितरित किए।
जयपुर के सरदार वल्लभभाई पटेल डिस्पेंसरी, सी-स्कीम में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने किया। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में टीबी मरीजों को किट वितरित की गई।
कार्यक्रम में शामिल रहे प्रमुख अधिकारी:
डॉ. ओपी शर्मा (अतिरिक्त निदेशक)
डॉ. अजय चौधरी (संयुक्त निदेशक)
डॉ. पुरुषोत्तम सोनी (राज्य क्षय अधिकारी)
डॉ. एस.एन. धौलपुरिया (राज्य नोडल अधिकारी)
डॉ. यदुराज सिंह (संयुक्त निदेशक, जयपुर ज़ोन)
डॉ. रवि शेखावत (सीएमएचओ)
डॉ. मनीष मित्तल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी
यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सेवा के मानवीय पक्ष को उजागर करता है, बल्कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का परिचायक भी बन रहा है।
“टीबी हारेगा, देश जीतेगा” — अब ये नारा सिर्फ शब्द नहीं, ज़मीन पर उतरता संकल्प बन चुका है।