राजस्थान फाउंडेशन ने ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (BIP) के सहयोग से आयोजित इस वर्चुअल संवाद में अमेरिका, यूएई, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, केन्या, जापान, सिंगापुर सहित कई देशों से जुड़े प्रवासी निवेशकों और उद्यमियों ने भागीदारी की।
इस सत्र में राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा और बीआईपी के आयुक्त श्री सुरेश ओला सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने योजना की बारीकियों को विस्तार से प्रस्तुत किया। RIPS 2024 के तहत निवेशकों को सब्सिडी, टैक्स छूट, भूमि आवंटन में प्राथमिकता, बिजली दरों में रियायतें और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी अनेक सुविधाएं मिलेंगी।
प्रस्तुति के माध्यम से बताया गया कि यह योजना स्टार्टअप्स, MSMEs, महिला और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ टेक्सटाइल, आईटी, रिन्यूएबल एनर्जी, सिरेमिक्स, एग्रो-फूड प्रोसेसिंग जैसे सनराइज़ सेक्टर्स को विशेष प्राथमिकता देती है।
इस अवसर पर राज्य सरकार के "राजनिवेश पोर्टल" की भी जानकारी साझा की गई, जहां एक ही मंच पर निवेश से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं, मंज़ूरी और सहायता उपलब्ध कराई जाती है। अब तक इस पोर्टल के माध्यम से ₹35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन किए जा चुके हैं।
वर्चुअल सत्र के दौरान MSME और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठे — जैसे पात्रता मानदंड, विस्तार निवेश की नीति, केंद्र और राज्य योजनाओं में समन्वय, क्लस्टर इंसेंटिव्स, निजी औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश आदि। अधिकारियों ने सभी प्रश्नों के तथ्यों पर आधारित और स्पष्ट उत्तर देते हुए यह सुनिश्चित किया कि RIPS 2024 निवेश के लिए एक व्यावहारिक, पारदर्शी और लचीली योजना है।
अधिकारियों ने यह भी दोहराया कि प्रवासी राजस्थानियों की उद्यमशीलता को राज्य के आर्थिक विकास से जोड़ना सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।
RIPS 2024 के तहत यह संवाद न सिर्फ जानकारी का आदान-प्रदान था, बल्कि यह प्रवासी समुदाय के साथ राज्य के आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक प्रभावी कदम भी साबित हुआ है।