शिविर में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार मीणा, योग प्रशिक्षक गौतम शर्मा, नंदराम जाट, रतनलाल सेन और एकता रावत द्वारा हज़ारों श्रद्धालुओं को विभिन्न योगासनों का अभ्यास करवाया गया। राष्ट्रीय योग अभ्यासिका तमन्ना टाँक ने शास्त्रीय संगीत की धुन पर योग कलाओं की विशेष प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमूह को योग साधना की प्रेरणा दी।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने जानकारी दी कि समापन अवसर पर सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, सुषमा व्यायाम और अन्य प्राणायामों के माध्यम से श्रद्धालुओं को तन-मन स्वस्थ रखने की प्रेरणा दी गई।
नशा मुक्ति के लिए नुक्कड़ नाटक और शपथ ग्रहण
"नशा मुक्त भारत अभियान" के अंतर्गत विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने नशा छोड़ने की शपथ ली। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से 'अपना थिएटर संस्थान' द्वारा जागरूकता फैलाई गई। संस्था के सचिव योबी जॉर्ज के निर्देशन में कलाकार जुम्मा खान, सुधीर सैनी, शब्बीर, सलमान, मनोज आदि ने भावनात्मक प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को नशा मुक्त जीवन जीने का संदेश दिया।
इस दौरान लगभग 3,000 श्रद्धालुओं ने नशीले पदार्थ मंच पर त्याग कर दोबारा जीवन में नशा न करने की शपथ ली। मंदिर प्रबंधन की ओर से राहुल सेन द्वारा सभी का स्वागत कर अभिनंदन किया गया।
सामाजिक सहभागिता और प्रेरणादायक संबोधन
इस आयोजन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक जयप्रकाश चारण, सुशीला देवी चैरिटेबल ट्रस्ट नशा मुक्ति केंद्र के संचालक देवेंद्र सरोई, चंद्रसेन मीणा, आकाश चौधरी, प्रकाश यादव, आकाश पंवार सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा,
"नशा तन को तोड़ता है, मन को मरोड़ता है - यह नशा नहीं, विनाश है।"
उन्होंने अपील की कि समाज को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर नशा मुक्त भारत की दिशा में संकल्पित होना होगा। सत्संग, सेवा और संयम से ही सच्चा विकास संभव है।
आयोजन में जुटे रहे सेवाभावी हाथ
शिविर की व्यवस्थाओं को सफल बनाने में व्यवस्थापक ओमप्रकाश सेन, रमेश सेन, राहुल सेन, कैलाश सेन, विष्णु सेन, कपिल सेन, यश, वेदान्श, भव्य, मिताली, वंशिका, प्रकाश रांका, सुनील मेहता, कन्हैयालाल आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह आयोजन न केवल योग और स्वास्थ्य के लिए प्रेरणा बना, बल्कि सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी की मिसाल भी प्रस्तुत करता है। भैरव धाम ने एक बार फिर से आध्यात्मिकता के साथ समाज सेवा का संगम दिखाया।