इस अवसर पर विभाग की ओर से पूर्व नेत्र अधिकारी डॉ. दिनेश शर्मा ने उपस्थित होकर विभाग का शोक संदेश और प्रशंसा पत्र परिवार को सौंपा।
विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश आर्य ने अपने संदेश में श्रीमती गांधी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके परिवार द्वारा किए गए नेत्रदान के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करे।
कथावाचक पंडित भारत भूषण शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्रीमती गांधी एक ईमानदार, मिलनसार और समाजसेवी प्रवृत्ति की महिला थीं, जिन्होंने नेत्रदान करके समाज को एक प्रेरणादायक संदेश दिया है।
समाजसेवी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि नेत्रदान आज के समय की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को इस अभियान से जुड़कर किसी भी नेत्रहीन को दृष्टि प्रदान करने में सहयोग देना चाहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व नेत्र अधिकारी डॉ. दिनेश शर्मा ने नेत्रदान से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद छह घंटे तक आंखें सुरक्षित रखकर उपयोग में लाई जा सकती हैं। इसके लिए तुरंत 112 नंबर पर सूचना देना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में नेत्रदान को सर्वोत्तम दान माना गया है। समाज में फैली भ्रांतियों के कारण नेत्रदान की संख्या कम है, जबकि अधिकांश परिस्थितियों में नेत्रदान किया जा सकता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि नेत्रदान में परिवार की अहम भूमिका होती है। परिवार को चाहिए कि वे समय पर निर्णय लें, आंखों पर गीली रूई रखकर तुरंत मेडिकल टीम को सूचित करें। साथ ही समाजसेवी संस्थाओं को भी चाहिए कि वे परिवार को प्रेरित करें और नेत्र बैंक तक नेत्र सुरक्षित पहुँचाने में सहयोग दें।
उन्होंने बताया कि रोहतक में नेत्र बैंक और प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध है, जिससे दान किए गए नेत्र जल्द से जल्द जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा सकते हैं।
समारोह में शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें जगत सिंह गिल, राजेंद्र शर्मा, प्रमोद नांदल (फार्मेसी ऑफिसर), पिंकी गांधी, निर्मल गांधी, किशोर कुवात्रा, विकास मिश्रा, चिराग बेरी, गुलशन निजावान और शोरी लाल सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
अंत में डॉ. दिनेश शर्मा ने विभाग की ओर से सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया और नेत्रदान का संदेश हर घर तक पहुँचाने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि राजकुमार गांधी, निवासी कच्चा बेरी रोड, ने अपनी माता राजकुमारी गांधी के नेत्रदान के लिए पहल करते हुए डॉ. दिनेश शर्मा से संपर्क किया। डॉ. शर्मा ने डॉ. राजेंद्र चौहान (इंचार्ज, आरआईओ एवं नेत्र बैंक) के सहयोग से नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी करवाई।