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Tuesday, October 14, 2025

24JT News Desk / News Delhi /September 26, 2025

लद्दाख पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई, जिसमें सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी से चार नागरिकों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हुए।

लद्दाख / लद्दाख में हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन सोनम वांगचुक गिरफ्तार

लद्दाख के डीजीपी एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया। अधिकारियों के अनुसार, उन्हें लद्दाख से बाहर ले जाया जा रहा है और जोधपुर जेल में रखा जा सकता है। गिरफ्तारी से ठीक पहले वांगचुक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

यह कार्रवाई गृह मंत्रालय द्वारा वांगचुक के संगठन 'स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख' (एसईसीएमओएल) का विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द करने के एक दिन बाद हुई। मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक के 'उत्तेजक बयानों' से लोग भड़के और लेह में बीजेपी कार्यालय व सरकारी वाहनों पर हमला हुआ। इन बयानों में उन्होंने 'अरब स्प्रिंग' और 'नेपाल के जेन जेड प्रदर्शनों' का जिक्र किया था।

वांगचुक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और यह 'विच हंट' (झाड़ू लगाने जैसी कार्रवाई) है। उन्होंने केंद्र सरकार को लद्दाख संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उच्च स्तरीय समिति (एचपीसी) ने स्थानीय भावनाओं को नजरअंदाज किया।

लद्दाख के लोग लंबे समय से राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल होने की मांग कर रहे हैं, ताकि स्थानीय निवासियों को नौकरियों व जमीन में आरक्षण मिले। जनवरी 2023 में गृह मंत्रालय ने चार मांगों पर चर्चा के लिए समिति बनाई थी, लेकिन प्रगति धीमी रही। (नोट: उपयोगकर्ता द्वारा प्रदानित जानकारी स्रोतों से मेल खाती है।)

10 सितंबर 2025 से वांगचुक और अन्य कार्यकर्ता उपवास पर थे। 24 सितंबर को लेह में बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी, जब दो उपवासियों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वांगचुक ने हिंसा के डर से उपवास तोड़ दिया और शांति की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा मुख्यालय और सरकारी भवनों पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी की। लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया और मोबाइल इंटरनेट निलंबित कर दिया गया।

गृह मंत्रालय ने एसईसीएमओएल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जुलाई से एफसीआरए उल्लंघनों की जांच शुरू की थी। मुख्य आरोप:
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में सोनम वांगचुक द्वारा 3.35 लाख रुपये नकद जमा करना, जो एफसीआरए की धारा 17 का उल्लंघन है।
- विदेशी फंड का गलत उपयोग, जैसे संप्रभुता पर अध्ययन के लिए 4.9 लाख रुपये का खर्च।
- अन्य एनजीओ हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल) पर भी 1.5 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी फंड बिना पंजीकरण के प्राप्त करने का आरोप।

वांगचुक ने कहा कि वे संगठन के सिर्फ दानदाता हैं और सीबीआई जांच का सामना करने को तैयार हैं।

लद्दाख सांसद हाजी हनीफा जानिया ने गिरफ्तारी की निंदा की। पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने वांगचुक का समर्थन किया। लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार मुस्तफा हाजी ने कहा कि वांगचुक को गांव से लेह जाते समय रोका गया।

यह घटना 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख की स्वायत्तता खोने से उपजी नाराजगी को दर्शाती है। कार्यकर्ता शांतिपूर्ण आंदोलन की बात दोहरा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे राजनीतिक साजिश बता रही है।

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