उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात नियमों का पालन न करने वालों को जागरूक करने में आम जनता की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने सुरक्षित सड़क मार्ग अभियान की सराहना करते हुए इसे सीधे जनता से जुड़ा हुआ बताया। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं, खासकर महिला अभियंताओं की टीम की भी प्रशंसा की, जिन्होंने प्रदेश के छात्र-छात्राओं और आम जनता को सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अभियान के लिए मुख्य अभियंता गुण नियंत्रण जसवंत खत्री एवं अन्य अभियंताओं को बधाई दी।
सांसद-विधायकों को सोशल मीडिया पर अभियान को बढ़ावा देने का आग्रह
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान आम आदमी के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए सभी सांसद और विधायक अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अभियान से जुड़ी जानकारी साझा करें ताकि जागरूकता और बढ़ सके। उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे सप्ताह में कम से कम दो दिन सड़कों का निरीक्षण करें और सिर्फ फाइलों पर हस्ताक्षर करना ही कार्य नहीं, बल्कि सड़कों के निर्माण और उनकी गुणवत्ता का नियमित अवलोकन भी जरूरी है।
इस अवसर पर राज्य मंत्री मंजू बाघमार ने भी सभी अभियंताओं को अभियंता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
अभियान में करौली जिला प्रथम स्थान पर, सीकर दूसरे और डूगरपुर तीसरे स्थान पर
मुख्य अभियंता गुण नियंत्रण जसवंत खत्री ने बताया कि 9 अगस्त से 15 सितंबर तक चले इस अभियान के दौरान प्रदेश के 1097 स्कूल-कॉलेजों के 4 लाख 18 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। करौली जिले ने सर्वाधिक 112 संस्थानों के 41,031 छात्रों को प्रशिक्षण देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर करौली की मास्टर ट्रेनर कविता मीणा, रेणू मीणा और अधिशाषी अभियंता गुण नियंत्रण हरिनारायण मीणा को उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और राज्य मंत्री मंजू बाघमार ने स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा सीकर, डूगरपुर, झुंझुनू और जयपुर के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
अभियान की नोडल अधिकारी शिल्पा श्रीमाल और विभाग के सक्रिय दो वाहन चालकों को भी सम्मानित किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता, मुख्य अभियंता टीसी गुप्ता सहित अन्य विभागीय अधिकारी और महिला मास्टर ट्रेनर भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।