भाईचारे से सुलझा वर्षों पुराना भूमि विवाद
बावड़ीखेड़ा निवासी सम्पत जोगी के तीन पुत्र—घनश्याम, राधेश्याम व भगवान सहाय और लल्लूराम माली के पुत्र गंगासहाय के बीच वर्षों से चल रहा भूमि विवाद अब इतिहास बन गया है। मंगलवार को पंचायत मुख्यालय पर आयोजित राजस्व शिविर में सभी पक्षकारों ने मिलकर सहखातेदारी भूमि के आपसी बंटवारे का आवेदन किया। उपखंड अधिकारी और तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 53 के तहत मौके पर ही आपसी सहमति से जमीन का विभाजन करवा दिया।
भूमि विवाद के इस समाधान के बाद सभी पक्षकारों ने राहत की सांस ली और राज्य सरकार के इस जनकल्याणकारी प्रयास की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का आभार प्रकट किया। लोगों का कहना था कि ऐसे शिविर न केवल समस्याएं सुलझा रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों के चेहरों पर वर्षों बाद मुस्कान भी लौटा रहे हैं।
हरपट्टी के मिंटू खारवाल को मिला नामांतरण का लाभ
लवाण पंचायत समिति के हरपट्टी गांव निवासी मिंटू खारवाल कई दिनों से अपनी खातेदारी भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया में तकनीकी अड़चनों से जूझ रहे थे। लेकिन डूंगरावता में आयोजित शिविर में राजस्व विभाग की सक्रियता से उनकी समस्या का तुरंत समाधान हो गया और मौके पर ही नामांतरण प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई। मिंटू ने राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कजोड़ गुर्जर की पेंशन सत्यापन की समस्या हल
ग्राम पंचायत डूंगरावता में शिविर के दौरान लवाण क्षेत्र के कजोड़ गुर्जर की वृद्धावस्था पेंशन का वार्षिक सत्यापन भी किया गया। वे कई दिनों से इस प्रक्रिया में परेशान चल रहे थे, लेकिन शिविर में पहुंचते ही समाधान हो गया।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का लाभ
सिंगवाड़ा निवासी किसान किशन गुर्जर को भी इस शिविर में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमा पॉलिसी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बीमा के माध्यम से अब उनका पशुधन सुरक्षित है और किसी आकस्मिक नुकसान की स्थिति में सरकार की ओर से राहत मिल सकेगी।
शिविर बना जनसमस्याओं का समाधान केंद्र
राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया पं. दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन को लोगों के दरवाजे तक ला रहा है। मौके पर ही नामांतरण, सीमांकन, सहमति से बंटवारा, पेंशन सत्यापन, बीमा आदि कार्य पूरे होने से आमजन को न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि उन्हें न्याय और सुविधा भी मिल रही है।
दौसा जिले में शिविर बन रहे हैं आशा की नई किरण—सच में अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।