अपने शोक संदेश में सिविल सर्जन डॉ. रमेश आर्य ने श्री वर्मा के आकस्मिक निधन पर संवेदना व्यक्त की और परिवार द्वारा नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि भगवान दिवंगत आत्मा को सर्वोत्तम स्थान प्रदान करें और परिवार को इस कठिन समय में संबल दे।
श्री वर्मा की पुत्री डॉ. मधुलिका वर्मा ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके पिता एक ईमानदार, मिलनसार और परिवार व समाज को जोड़ने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कर्तव्य को सर्वोपरि मानते हुए अपनी आंखें दान कर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक संदेश दिया।
डॉ. अनिल बिरला, डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज, ने कहा कि नेत्रदान आज की आवश्यकता है। समाज के हर वर्ग को इस अभियान से जुड़ना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति कॉर्नियल अंधता के कारण दृष्टि से वंचित न रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्य नेत्र अधिकारी डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि वर्मा परिवार लंबे समय से कई सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं से जुड़ा रहा है। श्रीमती रुक्मिणी देवी के मार्गदर्शन में उन्होंने पारिवारिक नेत्रदान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह महान कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि नेत्रदान प्रक्रिया में डॉ. मधुलिका वर्मा का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने अपने पिता की आंखें दान कर समाज के सामने प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।
नेत्रदान की जानकारी साझा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि—
* मृत्यु के बाद 6 घंटे तक आंखें उपयोग में लाई जा सकती हैं,
* इसके लिए तुरंत 112 पर सूचना देना आवश्यक है,
* नेत्रदान सभी धर्मों में स्वीकार्य और सर्वोत्तम दान माना गया है,
* कुछ विशेष स्थितियों को छोड़कर लगभग हर व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि नेत्रदान और नेत्र प्रत्यारोपण करवाने वालों में भ्रम के कारण ही नेत्रदान की संख्या कम है। परिवार को चाहिए कि मृत्यु के तुरंत बाद नेत्रदान का निर्णय लें और आंखों पर गीली रूई रखकर मेडिकल टीम को सूचना दें।
उन्होंने कहा कि नेत्रदान से दिवंगत व्यक्ति की आंखें किसी कॉर्नियल अंधता से पीड़ित व्यक्ति को नई रोशनी देती हैं, और यह एक सच्चा अमर दान है।
उन्होंने यह भी बताया कि रोहतक का सौभाग्य है कि यहां नेत्र बैंक मौजूद है, जिससे नेत्र प्रत्यारोपण जल्दी और सुगमता से हो जाता है।
समारोह में शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। परिवार की ओर से सुपुत्र मोहित वर्मा, सुपुत्री अंजलि वर्मा, तथा स्वास्थ्य विभाग से डॉ. अनिल बिरला, सिविल सर्जन डॉ. रमेश आर्य, डॉ. के.एल. मलिक, डॉ. राजबीर सबरवाल, डॉ. पुष्पेंद्र, डॉ. सतबीर सिंह, डॉ. सचिन सेहगल, समाजसेवी जगत सिंह गिल, राजेंद्र शर्मा आदि शामिल थे।
इसके अलावा सिविल सर्जन कार्यालय से फार्मेसी ऑफिसर प्रमोद नांदल, गौरव भयाना, विकास, मित्रगण और सैकड़ों समाजसेवी भी उपस्थित रहे।
समारोह के अंत में डॉ. दिनेश शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया और नेत्रदान का संदेश हर घर तक पहुंचाने की अपील की।
विदित हो कि डॉ. मधुलिका वर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, सामान्य अस्पताल रोहतक, ने अपने पिता श्री रमेश चंद्र वर्मा के नेत्रदान के लिए पूर्व मुख्य नेत्र अधिकारी डॉ. दिनेश शर्मा से संपर्क किया था। डॉ. शर्मा ने डॉ. राजेंद्र चौहान, इंचार्ज आरआईओ एवं नेत्र बैंक, के साथ समन्वय कर नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया संपन्न करवाई।