प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि की चर्चा करते हुए बताया कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री श्री शुभांशु शुक्ला का इंटरनेशनल स्पेस सेंटर तक पहुंचना एक गौरवपूर्ण क्षण है। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनकी श्री शुक्ला से बातचीत हुई, जो भावनात्मक और प्रेरणादायक रही।
मोदी ने 21 जून को आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता का भी वर्णन किया। "एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य" की थीम पर विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया, जिससे भारत की सांस्कृतिक शक्ति का वैश्विक संदेश गया। उन्होंने कहा कि देश और विदेश में योग के प्रति बढ़ती जागरूकता शांति, स्थिरता और संतुलन की भावना को प्रबल कर रही है।
आगामी धार्मिक आयोजनों—अमरनाथ यात्रा और भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा—का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इन्हें "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की भावना का सजीव उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री ने दो अहम उपलब्धियों का उल्लेख किया—
भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया जाना।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत की 64% से अधिक आबादी को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मोदी ने बताया कि वर्ष 2015 में जहां केवल 25 करोड़ लोग योजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे, आज यह आंकड़ा 95 करोड़ तक पहुँच गया है।
आपातकाल के 49 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 1975 में लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि उस दौर में संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया था। मोदी ने देशवासियों से उन सेनानियों को याद रखने की अपील की जिन्होंने उस कठिन समय में लोकतंत्र की रक्षा की।
प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत महिलाओं के आत्मनिर्भर प्रयासों की मिसालें पेश कीं—
मेघालय की महिलाएं एरी सिल्क को आत्मनिर्भरता का माध्यम बना रही हैं।
तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाएं श्रीअन्न से बिस्किट बनाकर हैदराबाद से लंदन तक पहुंचा रही हैं।
कर्नाटक के कलबुर्गी में महिलाओं द्वारा बनाई गई ज्वार की रोटियां अब एक ब्रांड बन चुकी हैं।
मध्यप्रदेश की सुमा उइके मशरूम की खेती और पशुपालन से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हर नागरिक को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की प्रेरणा देते हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम जनसंपर्क का सशक्त माध्यम बन चुका है, जो देश को दिशा और दर्शन देता है।