मंत्री श्री कुमावत ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर नंदीशाला की स्थापना के कार्य को प्राथमिकता के साथ अंजाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में संचालित मोबाइल वेटरनरी वैन सेवा का अधिकतम लाभ उठाया जाए, ताकि बीमार पशुओं को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
उन्होंने बताया कि कोई भी पशुपालक टोल-फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर इस सेवा का लाभ ले सकता है। यह वैन पशु चिकित्सक, सहायक स्टाफ और आवश्यक दवाइयों से सुसज्जित होती है और यह पूरी तरह निःशुल्क है।
बैठक के दौरान मंत्री ने गौशाला विकास योजना, मृत पशु निस्तारण, गौवंश टीकाकरण, तथा मंगला पशु बीमा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाए।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि ग्राम पंचायतों को शव निस्तारण हेतु उपयुक्त आबादी भूमि उपलब्ध कराई जाए तथा सभी पशुपालकों को पशु बीमा योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए।
बैठक में उपस्थित गोशाला संचालकों ने अपनी विभिन्न समस्याएं और सुझाव भी मंत्री के समक्ष रखे, जिन पर मंत्री श्री कुमावत ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीपेंद्र सिंह राठौड़, सरस डेयरी के चेयरमैन डालचंद डांगी, संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश जैन, अतिरिक्त निदेशक डॉ. लक्ष्मीनारायण मीणा, तथा गोपालन और पशुपालन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।