इस अवसर पर मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता में 5,000 मेगावाट की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
"अन्नदाता बन रहा ऊर्जादाता"
श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है और अब वे 'ऊर्जादाता' के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे खेती-किसानी और ऊर्जा उत्पादन दोनों में मजबूती मिल रही है।
1.25 लाख मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि "राजस्थान इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी 2024" के तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2029-30 तक 1 लाख 25 हजार मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस लक्ष्य को निर्धारित समय में प्राप्त कर लिया जाएगा।
बांसवाड़ा में ऐतिहासिक ऊर्जा परियोजनाएं
मंत्री पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर को बांसवाड़ा में 42,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले माही-बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (2800 मेगावाट) का शिलान्यास किया। साथ ही 13,183 करोड़ रुपये की ट्रांसमिशन लाइनों और 14,445 करोड़ रुपये की 7 ऊर्जा परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया गया।
R.D.S.S. से स्थायी समाधान की उम्मीद
लूणी क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को लेकर मंत्री ने बताया कि पाल व फींच में 132 केवी तथा भांडू कला में 33 केवी जीएसएस (Grid Sub-Station) की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन जीएसएस एवं रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (R.D.S.S.) के पूर्ण होने पर क्षेत्र में बिजली की समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा।
इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि व क्षेत्रीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।