नेहरू सहकार भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित समीक्षा बैठक में श्रीमती राजपाल ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि जो अधिकारी पुराने प्रकरणों में अनावश्यक देरी कर रहे हैं, उनके खिलाफ नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वालों पर विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।
जांच में देरी बर्दाश्त नहीं—तीन माह में हो नये प्रकरणों का निपटारा
श्रीमती राजपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नये मामलों की जांच अधिकतम तीन माह के भीतर पूरी होनी चाहिए, जैसा कि मुख्यालय से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि केवल औपचारिकता के तौर पर नोटिस जारी कर मामलों को लंबित रखने की प्रवृत्ति अब नहीं चलेगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट तुरन्त प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी समितियों में अनियमितताओं के मामलों से जनता का विश्वास डगमगाता है, ऐसे में जांच अधिकारियों को पूर्ण निष्पक्षता और ईमानदारी से जांच कर रिपोर्ट देनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है, ताकि पर्यवेक्षणीय स्तर पर कोई चूक न हो।
जुलाई में फिर होगी समीक्षा—जयपुर, जोधपुर और बीकानेर पर विशेष नजर
बैठक में बताया गया कि जयपुर, जोधपुर और बीकानेर खण्डों में प्रकरणों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। ऐसे में इन खण्डों की विशेष समीक्षा आगामी जुलाई में फिर से की जाएगी।
869 मामलों का हुआ निस्तारण, 2025-26 में अब तक 94 प्रकरण निपटाए गए
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में कुल 869 मामलों का निस्तारण हुआ, जिनमें धारा 55 के 249, धारा 57(1) के 342 और धारा 57(2) के 278 मामले शामिल हैं। वहीं, वर्ष 2025-26 में 31 मई तक 94 प्रकरणों का निस्तारण हो चुका है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई समीक्षा
इस महत्वपूर्ण बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) श्रीमती शिल्पी पांडे, संयुक्त रजिस्ट्रार (नियम) श्री अजय उपाध्याय और सहायक रजिस्ट्रार (मॉनिटरिंग) श्री शिरीष चांदे उपस्थित रहे। साथ ही, सभी अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड), जिला उप रजिस्ट्रार और संबंधित केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक भी वीसी के माध्यम से शामिल हुए।