मंत्री श्री खर्रा ने अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और सीवेज कार्यों को आमजन की जरूरतों, सुरक्षा और सुव्यवस्थित नगरीय विकास की प्राथमिकताओं के अनुरूप आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीवेज कार्य शुरू करने से पहले इनलेट और आउटलेट सहित समूचे ढांचे की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में पूर्ण स्पष्टता होनी चाहिए। तकनीकी खामियों के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
बैठक में पिछली बोर्ड बैठक की प्रगति रिपोर्ट सहित आरयूआईडीपी, रुडसिको और राविल द्वारा संचालित पीएमएवाई, अमृत और अन्य योजनाओं की समीक्षा की गई। मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी योजनाएं समयसीमा में और गुणवत्तापूर्वक पूरी हों।
मंत्री ने यह भी कहा कि जो संवेदक कार्यों में लापरवाही बरतते हैं, उन्हें नोटिस देकर जुर्माना लगाया जाए, ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना या समस्या उत्पन्न न हो। वहीं, अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आमजन के अपने घर का सपना पूरा करने के लिए जल्द प्रभावी कार्य योजना तैयार करें।
बैठक के दौरान रुडसिको के दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई। श्रीमती सुमन शर्मा और श्री सूर्य प्रकाश चौपड़ा को नियमानुसार स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव डॉ. देबाशीष पृष्टि, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव श्री रवि जैन, पीएचईडी मिशन निदेशक श्री रवीन्द्र गोस्वामी, आवासन आयुक्त डॉ. रश्मि शर्मा, रुडसिको कार्यकारी निदेशक श्री हरि मोहन मीणा, डीएलबी निदेशक श्री प्रतीक जुईकर, वित्तीय सलाहकार श्री उम्मेद सिंह, मुख्य अभियंता श्री अरुण व्यास, श्री प्रदीप गर्ग समेत विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।