कार्यक्रम में बाबा गंगाराम साहब की 29वीं वार्षिक बरसी और बाबा हरिराम साहब के 75वें वार्षिकोत्सव का आयोजन श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया। श्री देवनानी ने संत-महापुरुषों का आशीर्वाद प्राप्त कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
समारोह में अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक भारतीय परिवार में श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता का होना आवश्यक है, जिससे भावी पीढ़ी में चरित्र और संस्कारों का विकास हो। उन्होंने अजमेर में अंग्रेज़ी और मुगलकालीन स्थानों के नामों को सनातन संस्कृति से जुड़े नामों में परिवर्तित करने की पहल का उल्लेख करते हुए विधानसभा में स्थापित 'संविधान गैलरी' की जानकारी भी साझा की।
इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि भारत की सनातन शक्ति ही इसे 'विश्व गुरु' बनाती है। उन्होंने समाज, धर्म और राष्ट्र हित में दान की निरंतर प्रवृत्ति की आवश्यकता पर बल दिया। स्वामी जी ने भजन प्रस्तुत करते हुए बाबा हरिराम, बाबा शेवाराम और बाबा गंगाराम साहब की महिमा का वर्णन किया और बताया कि गुरुओं द्वारा दान स्वरूप प्राप्त राशि का सदैव धर्म और सेवा कार्यों में सदुपयोग किया गया।
कार्यक्रम में आश्रम के संत मयाराम, गोविन्दराम, बालक इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल व मिहिर ने भी गुरुओं की वंदना करते हुए उनके योगदान का गुणगान किया।
सुबह श्रद्धालुओं ने सतगुरुओं की समाधियों, धूणा साहब, आसण साहब, झण्डा साहब और श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर श्रद्धा भाव से शीश नवाया। हवन-यज्ञ में संतों द्वारा आहुतियां दी गईं। अखण्ड पाठ की पूर्णाहुति के बाद भोग साहिब अर्पित किया गया। कार्यक्रम का समापन श्री श्रीचंद्र मात्रा साहब की वाणी पाठ और अन्न क्षेत्र की सेवा के साथ हुआ।