श्री पंत शासन सचिवालय में आयोजित नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर सिस्टम (NCORD) की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नशीले पदार्थों की रोकथाम केवल पुलिस या एक-दो विभागों का काम नहीं, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों की साझा जिम्मेदारी है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी राजकीय और निजी महाविद्यालयों में नियमित रूप से 'नशा मुक्ति प्रतिज्ञा' करवाई जाए और कॉलेज परिसरों में ड्रग कंट्रोल सोसाइटी की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, कॉलेज परिसरों और उनके आसपास मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन पर निगरानी रखते हुए कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, "गुप्त लेबोरेटरी में मादक पदार्थों के निर्माण को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए और इनका पूरा नेटवर्क ध्वस्त किया जाए।" साथ ही, जिलों में फॉरेंसिक लैब की क्षमता को सुदृढ़ करने और एच-1 श्रेणी की फार्मा ड्रग्स की बिक्री पर कड़ी निगरानी के निर्देश भी दिए।
मानस हेल्पलाइन-1933 के प्रचार को व्यापक बनाने की बात करते हुए श्री पंत ने कहा कि हेल्पलाइन पर आने वाली सूचनाओं की गंभीरता से जांच की जाए और सही सूचना देने वालों को पुरस्कृत कर प्रेरित किया जाए। उन्होंने कूरियर सेवा के ज़रिए हो रही मादक पदार्थों की तस्करी पर भी सतर्क निगरानी रखने की आवश्यकता जताई।
आमजन को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री भास्कर सावंत, वित्त विभाग के सचिव श्री कुमार पाल गौतम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री आशीष मोदी, एडीजी श्री दिनेश एम. एन, एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी, और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।