क्या है पूरा मामला:
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आरएमसी यार्ड पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में पीड़िता ने खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताया है। महिला का आरोप है कि भाजपा विधायक मुनिरत्ना के सहयोगियों—वसंता और कमल—ने उन्हें मथिकेरे स्थित कार्यालय में बुलाकर विधायक से मुलाकात कराई। कहा गया कि विधायक उनके खिलाफ दर्ज कुछ झूठे मामलों में मदद करेंगे, जिनका आरोप भी उन्हीं पर लगाया गया है।
महिला का दावा है कि विधायक मुनिरत्ना, वसंता और चन्नाकेशवा ने जबरन उनके कपड़े उतार दिए और विरोध करने पर उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि विधायक मुनिरत्ना ने उनके चेहरे पर पेशाब किया, और उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति कमरे में आया जिसने एक सफेद डिब्बा विधायक को दिया। इसके बाद विधायक ने एक सिरिंज निकालकर उन्हें एक इंजेक्शन लगा दिया, जो कथित तौर पर किसी लाइलाज वायरस से संक्रमित था।
कानूनी कार्रवाई और धाराएं:
पुलिस ने बताया कि विधायक, उनके साथियों वसंता, चन्नाकेशवा और कमल तथा एक अज्ञात व्यक्ति का नाम एफआईआर में दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376D (सामूहिक बलात्कार), 270 (संक्रमण फैलाने वाला कृत्य), 323 (शारीरिक चोट), 354 (महिला पर हमला), 504 (अपमान), 506 (धमकी) और 509 (शील भंग करना) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देर से रिपोर्ट क्यों की गई?
महिला ने बताया कि घटना के बाद वे मानसिक तनाव में थीं और जनवरी में एक अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें वायरस का पता चला। हाल ही में उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन बचने के बाद उन्होंने पुलिस में जाने का निर्णय लिया।
उनका कहना है, "मैंने गोलियां खाकर अपनी जान लेने की कोशिश की। लेकिन जब मैं बच गई, तो मुझे लगा कि अब सच को सामने लाना चाहिए।"
राजनीतिक पृष्ठभूमि और पुराने विवाद:
मुनिरत्ना वर्तमान में बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर से भाजपा विधायक हैं। उनके खिलाफ पूर्व में भी बलात्कार, ब्लैकमेल, उत्पीड़न, रिश्वतखोरी और जातिवादी भाषा प्रयोग जैसे मामलों के आरोप लग चुके हैं।
हालांकि, विधायक की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।