Tranding
Thursday, July 31, 2025

24JT News Desk / Lucknow /March 27, 2025


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आई है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में नियमों की जमकर अनदेखी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग में काम की स्वीकृति के बिना ही टेंडर निकाले जा रहे हैं, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। नियमों के अनुसार, किसी भी काम के लिए टेंडर जारी करने से पहले उसकी स्वीकृति अनिवार्य है, लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए कई जिलों में टेंडर निकाले गए हैं। इस मामले में मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्य सचिव मनोज सिंह
उत्तर प्रदेश / लखनऊ: लोक निर्माण विभाग में नियमों की धज्जियां उड़ रही, मुख्य सचिव ने दिए जांच के आदेश

नियमों की अनदेखी का खुलासा:
हाल ही में सामने आए तथ्यों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग में टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हो रही हैं। देवरिया, कुशीनगर समेत कई जिलों में ऐसे टेंडर जारी किए गए हैं, जिनके लिए अभी तक कोई आधिकारिक स्वीकृति नहीं मिली है। यह जानकारी सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों का कहना है कि इन टेंडरों के पीछे अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है, जिसकी वजह से नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।

मुख्य सचिव का सख्त रुख:
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने तत्काल प्रभाव से जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

कई जिलों में गड़बड़ी की आशंका:
जानकारी के मुताबिक, यह अनियमितता सिर्फ देवरिया और कुशीनगर तक सीमित नहीं है। प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी इसी तरह की शिकायतें सामने आई हैं। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने अपने निजी हितों के लिए नियमों को नजरअंदाज किया और बिना स्वीकृति के टेंडर जारी कर दिए। इससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान होने की आशंका है, बल्कि काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

विपक्ष ने सरकार को घेरा:
इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने इसे सरकार की नाकामी करार देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों के साथ-साथ उच्च स्तर पर जिम्मेदार लोगों को भी सजा दी जाए।

आगे क्या?
मुख्य सचिव मनोज सिंह के जांच के आदेश के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच में क्या खुलासे होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मामले में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं, तो कई अधिकारियों की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। साथ ही, टेंडर प्रक्रिया में सुधार के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं।
लखनऊ से यह खबर तेजी से पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जांच के बाद सच सामने आएगा और दोषियों को सजा मिलेगी। फिलहाल, लोक निर्माण विभाग में चल रही इस गड़बड़ी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
(नोट: यह खबर विभिन्न स्रोतों और हालिया जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। जांच के नतीजों के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।)

Subscribe

Tranding

24 JobraaTimes

भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बनाये रखने व लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए सवंत्रता, समानता, बन्धुत्व व न्याय की निष्पक्ष पत्रकारिता l

Subscribe to Stay Connected

2025 © 24 JOBRAA - TIMES MEDIA & COMMUNICATION PVT. LTD. All Rights Reserved.