इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'श्री अन्न योजना' से प्रेरित है और इसका उद्देश्य 3 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों में पोषण स्तर को सुधारना और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ठहराव बढ़ाना है।
उन्होने बताया कि यह नवाचार सीएसआर के सहयोग से शुरू किया गया है, और यदि यह पायलट चरण सफल रहा तो इसे राज्यभर में लागू किया जाएगा। न्यूट्री बार बाजरा, गेहूं, मूंगफली, गुड़ और शहद से तैयार की गई है, और इसमें कैलोरी, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल हैं।
जयपुर जिले के सांगानेर ग्रामीण, जयपुर प्रथम और उदयपुर जिले के फलासिया आदिवासी क्षेत्र में इस पायलट योजना को लागू किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे को सप्ताह में पांच दिन, 20 ग्राम की एक न्यूट्री बार दी जाएगी, जो छह महीने तक लगातार जारी रहेगी।
दिया कुमारी ने कहा, “यह पहल सिर्फ बच्चों के पोषण को ही नहीं सुधारेगी, बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को भी सशक्त करेगी। आने वाले समय में आईसीडीएस के माध्यम से ऐसे नवाचारों को शामिल किया जाएगा।”
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास शासन सचिव महेंद्र सोनी, आईसीडीएस निदेशक वासुदेव मलावत, पाथ संस्था के डायरेक्टर डॉ. अंकुर मुथरेजा, और हार्वेस्ट प्लस के सीओओ रविंद्र ग्रोवर सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
हरियालो राजस्थान अभियान के तहत पौधारोपण
पायलट वितरण कार्यक्रम के बाद उप मुख्यमंत्री ने विद्याधर नगर सेक्टर-8 स्थित सरकारी स्कूल परिसर में पौधारोपण कर "हरियालो राजस्थान" अभियान में भागीदारी निभाई।
नंदघर निरीक्षण में सुरक्षा और पोषण पर विशेष जोर
इसके बाद उप मुख्यमंत्री ने विद्याधर नगर स्थित 'नंदघर' का निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा, पोषण और पूर्व-विद्यालयी शिक्षा (ECCE) की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के मौसम में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण और शिक्षा मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
यह पहल राजस्थान में बाल पोषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और नवोन्मेषी कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में प्रदेश की आईसीडीएस योजनाओं को नई दिशा दे सकता है।