इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल सहित सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों ने डॉ. अग्रवाल को हार्दिक बधाई दी।
मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दीपक जैन ने बताया कि नई दिल्ली में इनोवेटिव फिजिशियन्स फोरम (आईपीएफ) द्वारा रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन्स, एडिनबर्ग (लंदन) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय सातवीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आईपीएफ मेडिकॉन 2025 में यह सम्मान प्रदान किया गया। कॉन्फ्रेंस का विषय ‘दा फ्यूचर ऑफ इंटरनल मेडिसिन: एजुकेशन, रिसर्च एंड प्रैक्टिस इन चेंजिंग वर्ल्ड’ था, जिसमें देश-विदेश के प्रख्यात फिजिशियन्स ने हिस्सा लिया।
डॉ. जैन ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में मरीजों के हित में निस्वार्थ सेवा और चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए देशभर से केवल पांच चिकित्सकों का चयन किया गया, जिनमें हरियाणा से एकमात्र डॉ. एच.के. अग्रवाल शामिल हैं। उन्हें मरीजों के प्रति समर्पण, नवीनतम तकनीकों के माध्यम से उपचार उपलब्ध कराने, मेडिकल शिक्षा और क्लीनिकल उत्कृष्टता में योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया।
डॉ. अग्रवाल ने इस सम्मान के लिए आईपीएफ मेडिकॉन और रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन्स, एडिनबर्ग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मेरा हमेशा से यही प्रयास रहा है कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इस उपलब्धि का श्रेय मैं अपनी माता और पत्नी को देता हूं, जिन्होंने मुझे मरीजों की सेवा के लिए प्रेरित किया। इस कारण मैं अपने परिवार को कम समय दे पाया।” उन्होंने भविष्य में भी मरीजों के हित में कार्य करने और विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।
निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल ने कहा, “डॉ. अग्रवाल की इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय का नाम पूरे देश में गौरवान्वित हुआ है।” चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने बधाई देते हुए कहा, “यह सम्मान संस्थान के लिए गर्व का विषय है। डॉ. अग्रवाल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने मरीजों के लिए अनेक नई सुविधाएं शुरू की हैं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”