श्री महाजन ने उद्घाटन सत्र में बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार की तर्ज पर देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) अभियान चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 2002 में ऐसा व्यापक रिवीजन अभियान हुआ था। राजस्थान में भी यह अभियान जल्द शुरू होगा, जिसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाकर गणना प्रारूप भरवाएंगे।
इस अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए 16 और 18 जुलाई को प्रदेशभर के 41 जिलों से आए 155 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन ट्रेनर्स को इस तरह से तैयार किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में जाकर अन्य मास्टर ट्रेनर्स, बीएलओ एवं सुपरवाइज़र्स को प्रशिक्षित कर सकें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बीएलओ द्वारा प्रदेश के 5 करोड़ 48 लाख मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना प्रारूप भरवाने की जिम्मेदारी निभाई जाएगी। उन्होंने मास्टर ट्रेनर्स से अपील की कि वे भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान कार्यालय द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों और एफएक्यू (Frequently Asked Questions) से खुद को अपडेट रखें।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रौनक बैरागी ने पहले सत्र में बीएलओ की भूमिका और उनकी ज़िम्मेदारियों पर विस्तार से जानकारी दी। वहीं, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री आलोक जैन ने संवैधानिक और वैधानिक प्रावधानों सहित बीएलओ की नियुक्ति की प्रक्रिया पर द्वितीय सत्र में चर्चा की। इस अवसर पर जयपुर के उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष कुमार भी उपस्थित रहे।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पारदर्शी, समावेशी और सटीक रूप से संपन्न हो, जिससे हर योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल हो सके।