डिस्कॉम्स की चेयरपर्सन एवं जयपुर डिस्कॉम की प्रबंध निदेशक सुश्री आरती डोगरा ने सभी सर्किल अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी एक सप्ताह के भीतर 93 विकेन्द्रित सोलर प्लांट्स से जुड़े 33 केवी ग्रिड सब-स्टेशनों का दौरा करें। निरीक्षण के दौरान ट्रिपिंग और वोल्टेज फ्लक्चुएशन जैसी समस्याओं की जांच कर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
सौर ऊर्जा उत्पादकों को मिलेगी राहत
शनिवार को विद्युत भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में सुश्री डोगरा ने सौर ऊर्जा जनरेटरों के साथ अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से मिलने वाली सस्ती बिजली डिस्कॉम के लिए लाभकारी है, ऐसे में जनरेटर्स की तकनीकी समस्याओं का शीघ्र समाधान होना जरूरी है।
उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि फील्ड स्तर पर ट्रिपिंग की समस्या न्यूनतम रहे और इसके लिए सहायक अभियंताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जाए।
वॉट्सऐप ग्रुप से होगी सीधी निगरानी
समीक्षा के दौरान कई जनरेटर्स ने अपनी समस्याएं साझा कीं, जिन पर चेयरमैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े अधीक्षण अभियंताओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने निर्देश दिया कि सब डिवीजन स्तर पर वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर ट्रिपिंग, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और फीडर लाइनों में पेड़ों की कटिंग जैसी समस्याओं को तेजी से हल किया जाए।
क्यों जरूरी है ट्रिपिंग रोकना?
जब दिन में ट्रिपिंग होती है, तो सोलर प्लांट्स से बिजली उत्पादन बंद हो जाता है। बिजली सप्लाई फिर से बहाल होने के बाद भी सौर ऊर्जा उत्पादन पुनः शुरू होने में करीब आधा घंटा लग जाता है। कुछ सेकंड की ट्रिपिंग भी आर्थिक रूप से जनरेटर और डिस्कॉम दोनों को नुकसान पहुंचाती है। इसी को रोकने के लिए यह संवेदनशील पहल की गई है।
हाई लॉस सब डिविजनों पर भी ध्यान
बैठक में जयपुर डिस्कॉम के 18 सबसे अधिक वितरण हानियों वाले सब डिविजनों की समीक्षा भी की गई। सुश्री डोगरा ने आरडीएसएस योजना के तहत ओवरलोड फीडर्स का लोड बैलेंस करने, ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड करने और बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस कार्रवाई बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
इस अहम बैठक में निदेशक (तकनीक) श्री आर. के. शर्मा और जोनल मुख्य अभियंता जयपुर श्री आर. के. जीनवाल उपस्थित रहे। भरतपुर और कोटा के जोनल मुख्य अभियंता समेत सभी सर्किल अधीक्षण अभियंता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।